भेद दे जो सूर्य को पार्थ का तीर वो प्रचंड हूं अग्नि की में लो नहीं वीरता की ज्योति एक
अखंड हूं मृत्यु से ना हारा जो योद्धा वह अनन्या हूं हां मैं पार्थ पुत्र हूं हां मैं अभिमन्यु हूं
अमर हुआ में श्रेष्ठ योद्धा बनके ऐसा एक वो युद्ध था कलंकित हुआ जो युद्ध में वह मां
गांधारी और राधे मां का दूध था Veer Abhimanyu A poem
गुस्सा जिस व्यू में मैं वह चक्रव्यू अभेद था सो चुका था धर्म उस दिन इसी का तो खेद था
काफी छाती धरती माता की कापा राण का महाकुंभ था यह तो मेरे शोरिया का मात्रक
आरंभ था पूछते थे देवता पूछते ब्रामण पूछता क्षत्रिय पूछता हर सुधरा था जो ग़ुस्सा
चक्रविऊ में किया वो शक शाक्त रुद्रा था अगर हो संदेह तो गवा हर शास्त्र था Credit DeepanKur Bhardwaj Poetry
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मेरे तरकस निकला हर तीर ब्रह्मास्त्र था द्रण्ड हो या अंगराज हारे बार-बार थे चक्रव्यूह
के छह द्वार थे जो हुए तार-तार थ छिन्न भिन्न थे महारथी असहनीय मेरे वह प्रहार से चक्रव्यू
के द्वार पर जैसे पढ़े हो दाने जुवार के अरे प्रसन्न मेरी वीरता से धरती आसमान थे
होने वाले अधर्म से वह भी तो अनजान थे घेरा 7 महारथियों ने जो कहते खुद को शूर थे
नियति कठोर थी मेरे पिता मुझसे दूर थे
Veer Abhimanyu A poem about the most incredible warrior in the History
मेरी वीरता की वजह से ही संकट में मेरे प्राण थे एक साथ मुझ पर चलाएं सबने बाण थे
हैं दुख तो इस बात का धर्म ज्ञाता सरे मोन थे वहीं पर अंगराज थे और वही गुरु द्रोण थे
पूछता हूं वीरो से में तुम काहे शक्तिमान थे छाल और अधर्म से जो तुमने छीने ने मेरे प्राण थे
रोया था गगन भी तब अश्रुओ से भरा गंगा मां का नीर था धरती मां के आंचल में मृत मेरा शरीर था जब जिक्र हो
अंगराज का तो वृकुटी तान जाती है याद हिंदू इतिहास के काले दिन की हो आती है
अरे होते बड़े योद्धा या होते दानवीर तुम तो देते दान मुझे धर्म युद्ध का ना गिरने देते
मां द्रोपदी का चीर तुम पार्थ से जीतने का विचित्र तुम्हारा स्वप्न है अधर्म से लिप्त हुआ
चरित्र तुम्हारा नग्न है सही किया देना चाहा तुमने पिता को मेरे सर्पदंश था उनसे क्या
जीतोगे तुम जब पराजित हुए मुझसे मैं तो उनकी शक्ति का छोटा सा था
जाओ देखो मेरे शौर्य का दवा तो इतिहास है वीरगाथा सुनाता मेरी सूर्य का प्रकाश है
शौर्य का बखान करता गंगा मां का नीर है धन्य है वह धरती जिस पर जन्मा अभिमन्यु
जैसा भी है धन्य है वह धरती जिस पर जन्मा अभिमन्यु जैसा वीर है
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