पवन देव का अंश हूं बल मुझे मिला असीम है बजरंगी का भाई हूं नाम मेरा भीम है
वक्षस्थल विशाल था युद्ध में विकराल था ललाट पर क्रोध मेरे अधर्मी यों का काल था
बालपन में विष देकर गंगा में बहा दिया अरे बजरंगी का अनुज हूं मैं मैंने विश को भी बचा दिया
नागो से जा गिरा वहां युद्ध घमासान किया फिर वासुकी ने मुझे अतुलित बल था
प्रदान किया बकासुर हिडिंबा और न जाने कितने अक्षरधारा चाहिए थे Mahabali Bheem amazing fighter
मेरे बाहुबल पर गर्व करते मेरे चारों भाई थे मेरे अतुल्य बाहुबली स्वयंवर में हर कोई भांप गया
जब मेरे पाओं की धमक से पूरा क्रीडांगण का हो गया पवन पिता का वेग था ग्रस्त था
इसी अभिमान से विकार यह भी दूर हुआ भेंट करके हनुमान से करुणा से चली गई हुई
धियत की वह क्रीड़ा थी हृदय में धड़कता क्रोध बचा था और बस अपमान की पीड़ा थी
धर्म का न भान था धियत में खोई सबने प्रज्ञा थी क्रोध में भरकर मैंने फिर भी यह प्रतिज्ञा थी
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जिस-जिस के मस्तक में अधर्म बसा था उसे श्रीफल जैसे फोड़ दूंगा सुन ले अधर्मी दुर्योधन
तेरी जंघा भी मैं तोडूंगा कटे मस्तकों के ढेर लगेंगे हृदय का घाव न कोई सी पाएगा और दुशासन
तेरी छाती का लहू है ब्रदर पी जाएगा तात श्री के पुत्र मोह के कारण अब पूरा वंश गारत होगा
कुलवधू के अपमान के बदले अब महाभारत होगा धृतराष्ट्र के 100 पुत्रों को खाकर यह वृकोदर
भीम पचा जाएगा योद्धा से योद्धा जब भिड़ेंगे कोई षड्यंत्र कामना आएगा Mahabali Bheem amazing fighter
Mahabali Bheem Amazing Fighter | वृकोधर भीम इतिहास का सर्वश्रेष्ठ योद्धा
गुरु कुमार नहीं रहा था तब मैं मैं तो बस एक पांडव था पांचाली का अपमान नहीं था
मृत्यु का शुरू हो तांडव था जब बात करो धनुर्विद्या की तो गांडीव और विजय धनुष का
ही प्रमाण मिला मेरे वायव्य धनुष की टैंकर से जो काफी कौरव सेना थी
इसका तुम्हें कभी ना ज्ञान मिला अधर्म कभी ना मन में था धर्म के साथ नहीं था
जिया पांचाली का प्रतिशोध ले दुशासन का खून पिया नारी का अपमान होगा कोई
भीम फिर से आएगा रक्त का वह खप्पर भर के काल भैरव बन जाएगा
दुशासन के वध से ले लो एक समाचार तुम जो भंग नारी का मन करे कर दो
उसके टुकड़े हजार तुम अंगराज ने मुझे प्राण दान दिए यह हर कोई बतलाता है
फिर 17 दिन का वृतांत तुम्हें कैसे भूल जाता है युद्ध छूटा हाथ से मानव मुट्ठी में रहते
हो रथ पर गिरा विजय धारी मेरे तीनों से अचेत हो बख्श दिए प्राण मैंने सिर्फ भी ना अहंकार था
ज्ञात था कर्ण की मृत्यु अर्जुन का अधिकार था दुर्योधन की जंघा टूटी तो सबको धर्म याद आ गया
वह दुर्योधन का धर्म था जो पूरे वंश को था खा गया जिसने श्री कृष्ण का अपमान किया उसके लिए
दुखी तुम्हारा मर्म है अरे चल से हो या बल हो अधर्मी का वध सबसे बड़ा धर्म है नारी के सम्मान हेतु
जो लड़े हरी बल देते उसको असीम है दुराचारियो का वध करने वाला हर योद्धा भीम है
नारी का जब जब अपमान होगा जब अधर्म के काले मेघ जाएंगे द्वापर में भीम था
काल बना कलयुग में कल्कि संग हनुमान आएंगे कलयुग में कल्कि संग पवन पुत्र हनुमान आएंगे
Mahabali Bheem amazing fighter Credite by Deepankur Bhardwaj
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